Pradhanmantri fasal Bima Yojana की संपूर्ण जानकारी

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Pradhanmantri fasal Bima Yojana भारत में इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2016 में हुई थी और राजस्थान में इस योजना की शुरुआत जुलाई 2016 में हुई थी

Pradhanmantri fasal Bima योजना का उद्देश्य

प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुई हानि व पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना इस योजना का उद्देश्य है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को फसलों का सुरक्षा कवच भी कह सकते हैं इस योजना का एक और उद्देश्य है कि जोखिम भरी फसलों दिन में ज्यादा मुनाफा है उसे भी उग सकते हैं।

Pradhanmantri fasal Bima Yojana

किन-किन किसानों को मिलेगा लाभ

ऐसे किस जिनके नाम पर भूमि है और जो किसान बटाईदार या ठेकेदार उन सभी किसानों को इस योजना के अंतर्गत लाभ मिल सकता है
लेने वाले सभी किसानों को अनिवार्य रूप से इस योजना के अंदर अप्लाई करना होता है
इसके अलावा समीक्षा अपनी इच्छा से भी कोई इस योजना में अप्लाई कर सकता है अपनी फसलों का बीमा करवा सकता है
योजना में ऐसी एसटी के किसानों का बीमा करने के विशेष प्रयास सरकार ने किए हैं।

इस योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी फैसले आती है

सभी खाद्यान्न फैसले जैसे मोटे अनाज में दलहन व तिलहन की फैसले आती है इसके अलावा इस योजना में बागवानी वाणिज्य की फैसले आती है‌

किस-किस हानि के अंतर्गत किसानों को सरकार मुआवजा प्रदान करती है

1. बुवाई प्रतिकूल मौसम के कारण किसानों में बुवाई करने में विभिन्न फसलों में समस्या आती है अतः किसने की अगर खेत में बुवाई में कमी होने पर सरकार के द्वारा किसानों को इस योजना के अंतर्गत मुआवजा प्रदान किया जाता है।

2. खड़ी फसल = फसल में यदि सुख जल भराव बढ़ रोग भूसंकलन बिजली ओलावृष्टि आंधी तूफान चक्रवात इत्यादि से कोई भी खड़ी फसल में अगर नुकसान हो जाता है तो सरकार इस योजना के अंतर्गत किसानों को मौज प्रदान करती है

3. के 14 दिन बाद तक अगर फसल में कोई खराब हो जाता है जैसे कि ऊपर बताई गई सभी के अंतर्गत। तो सरकार इस योजना के अंतर्गत किसानों को मुआवजा प्रदान करती है।

हानि की गणना


हानि का अनुमान लगाने के लिए फसल कटाई प्रयोग किए जाते हैं आजकल ऑनलाइन सीसीएफ के माध्यम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुआवजा के लिए हानिका अनुमान लगाने के लिए फसल कटाई प्रयोग किया जा रहे हैं
गाना थ्रेश होल्ड ऊपर के आधार पर की जाती है।
से फसल की 7 वर्षों की पोस्ट उपज को थ्रेसोल्ड उपज कहते हैं।
फ्रेश होल्ड ऊपर में उन 2 वर्षों की ऊपर की गणना नहीं की जाती जिसमें न्यूनतम पैदावार हुई हो या फिर अकाल के जैसी पैदावार हुई हो।
इस योजना की पारदर्शिता एग्रीकल्चर की वेबसाइट www.agriinsurance.gov.in पर उपलब्ध है

बीमा की राशि


इस योजना के अंतर्गत किसानों का प्रत्येक फसल का बीमा काटा जाता है बीमा की राशि प्रति हेक्टर में काटी जाती है।
खरीफ की फसलों के लिए 2% बीमा काटा जाता है
रबी की फसलों के लिए 1.5% बीमा काटा जाता है
वहीं अगर बागवानी वह वाणिज्यिक फसलों की बात करें तो 5% तक बीमा काटा जाता है

खरीफ की फसले = खाद्यान्न व तिलहन पतले मोटे अनाज जैसे जवाहर बाजार दलहन इत्यादि
रबी की फसल =जैसे गेहूं सरसों जीरा तारामीरा इत्यादि

उपज का अनुमान


उपज का अनुमान खरीफ की फसलों का अगस्त में लगाया जाता है
रवि की फसलों का अनुमान फरवरी माह में लगाया जाता है ठीक है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अप्लाई कैसे करें

इस योजना के लिए भारत सरकार द्वारा प्रशासनिक आदेश निकलता है
खरीफ की फसलों का फरवरी माह में निकलता है
वहीं अगर रवि की बात करें तो अगस्त माह में भारत सरकार द्वारा इस योजना का प्रशासनिक आदेश निकाला जाता है

बीमा कंपनी की अधिसूचना मार्च में वह सितंबर में जारी होती है
जगन्नाथ इस योजना के आवेदन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल पर अधिसूचना के साथ दिन के भीतर शुरू हो जाते हैं

प्रीमियम की कटौती (प्रीमियम यानी की बीमा)

खरीफ की फसलों की प्रीमियम राशि की कटौती की अंतिम दिनांक 31 जुलाई होती है
रवि की फसलों की प्रीमियम राशि की कटौती की अंतिम दिनांक 31 दिसंबर होती है
अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग बीमा राशि दे होती है
इसलिए किसानों को जो फसल बुवाई की होती है उसी का बीमा कटवाना चाहिए
कुछ किसान बैंकों में जाते नहीं है तो जिस फसल में कम नुकसान होता है बैंक के कर्मचारी उसे फसल का बीमा काट देते हैं
ऐसा होने से किसानों को की बीमा राशि उनके बैंक खातों में नहीं आती है क्योंकि जिस फसल का नुकसान हुआ है उसी की बुवाई नहीं दिखाई हुई होती है तो कई बार यह होता है कि कुछ फसल में नुकसान बिल्कुल नहीं होता लेकिन जो अपने बुवाई कर रखी होती है । उसे फसल में नुकसान ज्यादा होता है।
फसल का बीमा बैंक द्वारा काटा नहीं होता है तो किसानों के खातों में मुआवजे की राशि नहीं आती है।
किसानों से विशेष अपील है कि किसान इस फसल का बीमा कटवाए । फसल की बुवाई किसन ने अपने खेत में कर रखी है।

इसके के अलावा किसानों को अपने खेत की गिरदावरी टाइम पर करवानी चाहिए।
को सूचना देकर सही फसल का बीमा कटवाना चाहिए।
सभी किसानों के बैंक खातों में उचित मुआवजे की राशि उनके खाता में आ जाए

फसल कटाई प्रयोग


फसल कटाई प्रयोग ग्राम स्तर पर किए जाते हैं
प्रत्येक गांव में प्रत्येक फसल के चार फसल कटाई प्रयोग होते हैं .
इसके इसके आधार पर ही गांव की प्रत्येक फसल की औसत उपज प्राप्त होती है ।
जोकि सीसीई अप से ऑनलाइन किए जाते हैं।

यदि 50 परसेंट से अधिक नुकसान हुआ है तो किसानों को तत्काल राहत प्रदान की जाती है
अधिकतम बीमा की यानी कि मुआवजे की राशि 25 परसेंट तक दे होती है
कटाई से 15 दिन की पूर्व की स्थिति में यह प्रावधान लागू नहीं होता है।

उदाहरण


मन की कोई फसल की बीमित राशि ₹50000 हैं
बीमा की हुई क्षेत्र का 80% फसल का नुकसान हो गया
फील्ड में मूल्यांकन करने पर नुकसान 50% दिखाई दिया
तो फसल कटाई की दे राशि 25000 रुपए होगी

और यदि लास्ट में कुल नुकसान 60% हो गया है तो 50000 के 60% यानी की ₹30000 किसानों को दिए जाते हैं ।
₹25000 पहले दिए होते हैं ।₹5000 अंत में किसानों के खातों में और आते हैं।

योजना किसानों के लिए महत्वपूर्ण योजना है इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी किसानों को अपनी फसल का बीमा हर साल कटवाना चाहिए।

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